इंजीनियर वों हैंजो अक्सर फसता हैसाझात्कर के सवाल मे बड़ी कम्पनी के जाल मेबासँ और कलाइँट के बवाल मे,
इंजीनियर वो हैं,जो पक गया है,मीटिंग की झेलाई मे,सबमिसन की गहराई मे,टीमवर्क की चटाइँ मे..
इंजीनियर वो हैं,जो लगा रहता है,सिडुयुल को फिसलाने मेटार्गेट्सको खिसकाने मेरोज़ नए नए बहाने बनाने मे..
इंजीनियर वो हँजो लंच टाइम मे ब्रेंकफास्ट लेता है ,डिनर टाइम मे लंच करता है , और कोम्मुटेशनके वक्त सोया करता है..
इंजीनियर वोह हैजो पागल हैचाय और समोसें के प्यार मेसिगरेट के खुमार मेबँढ्वाचिंग के विचार मे..
इंजीनियर वो हैजो खोया हैरिमान्ड्र्सँ के जवाब मेन मिलने वाले हिसाब मेबेहतरभविष्य के ख्वाब मे..
इंजीनियर वो हैजिसे इंतज़ार हैवीकएंड नाइट पर धूम मचने काबॉस के छूटी पर जाने काइन्क्रीमेंट की ख़बर आने का..
इंजीनियरवो हँ जो सोचता है काश पढ़ाई पर ध्यान दिया होताकाश टीचर से पंगा न लिया.. होता....